लड़की सोचती है...
- लड़की सोचती है, क्या वो सच में मुझसे मुहब्बत करता है... क्योंकि जब साथ देने की बारी आती है, तो वो किसी दूसरी लड़की का साथ देता है. दूसरी लड़की के लिए सबकुछ करता है, उसे घरबार देता है, उसे अपने साथ अपनी हिफ़ाज़त में रखता है, उसे हर वो ख़ुशी देता है, जो किसी का ख़्वाब हो सकती है... लेकिन जिसे वो अपनी मुहब्बत कहता है, उसे ज़ालिम दुनिया के भरोसे बेसहारा छोड़ देता है... यह जानते हुए कि उसके अलावा लड़की का और कोई नहीं है... वो उस लड़की के लिए कुल कायनात है...
- जिसके पास घरबार है... यानी जिसके पास शरीके-हयात है , बच्चे हैं, घर है, उसके पास सबकुछ है...वो दुनिया का ख़ुशनसीब इंसान है...
- ख़ुशियां सबके नसीब में नहीं हुआ करतीं... कुछ लोग ऐसे भी हुआ करते हैं, जो एक ख़ुशी तक को तरस जाते हैं...
लड़की हमेशा घर का ख़्वाब देखती थी... अपने घर का ख़्वाब, जिसे वो ख़ूब सजाए-संवारे... आख़िर उसका ख़्वाब पूरा हुआ, उसे घर मिल गया... लेकिन अपना घर देखने के लिए वो ज़िन्दा न थी... क्योंकि ये घर उसे उसकी मौत के बाद मिला, क़ब्र के रूप में...
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कितने ही लोग ऐसे हैं, जिनकी ज़िन्दगी तन्हा गुज़र जाती है... उन्हें कभी कोई अपना नहीं मिलता... कभी मिलता भी है, तो पता चलता है कि उस पर भी किसी और का हक़ है... या कोई और उसे छीन कर ले जाता है...
16 अप्रैल 2015 को 5:07 pm बजे
प्यार दोनों तरफ न हो तो वह बेमानी रिश्ता ही साबित होता है ..