बिन सावन के बरसा
बिन सावन के बरसा फिर इक तन्हा बादल
किसकी आंखों का भीग गया है काजल
आंगन में आने की इक हल्की सी आहट
दिल धड़काती है, कांप उठा पलकों का पट
छूट गया फिर तन से भीगा-भीगा आंचल
बिन सावन के बरसा फिर इक तन्हा बादल
रस्ता किसका तकता है मन का सूनापन
कंगन रूठा, रूठ गई पायल की छन-छन
तन में शूल चुभाए झोंका बैरन शीतल
बिन सावन के बरसा फिर इक तन्हा बादल
-फ़िरदौस ख़ान
किसकी आंखों का भीग गया है काजल
आंगन में आने की इक हल्की सी आहट
दिल धड़काती है, कांप उठा पलकों का पट
छूट गया फिर तन से भीगा-भीगा आंचल
बिन सावन के बरसा फिर इक तन्हा बादल
रस्ता किसका तकता है मन का सूनापन
कंगन रूठा, रूठ गई पायल की छन-छन
तन में शूल चुभाए झोंका बैरन शीतल
बिन सावन के बरसा फिर इक तन्हा बादल
-फ़िरदौस ख़ान
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