किसी का चले जाना

ज़िन्दगी में कितने लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें हम जानते हैं, लेकिन उनसे कोई राब्ता नहीं रहता... अचानक एक अरसे बाद पता चलता है कि अब वह शख़्स इस दुनिया में नहीं रहा, तो होश फ़ाख़्ता हो जाते हैं... हमें एक ऐसे ही शख़्स के बारे में पता चला, जो अब इस दुनिया में नहीं है... फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल तलाशी...  बहुत पुरानी एक पोस्ट नज़र आई... हमने उस शख़्स को फ़्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, फ़ॊलो किया, मैसेज किया,  कमेंट लिखा, ये जानते हुए कि फ़्रेंड रिक्वेस एक्सेप्ट करने के लिए अब वह इस दुनिया में नहीं है... न ही हमें हमारे मैसेज का जवाब मिलेगा और न ही वह कमेंट को लाइक कर सकता है और न ही जवाब दे सकता है...
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हिज्र का मौसम

मेरे महबूब !
ये हिज्र का मौसम है
और
इस हिज्र के मौसम में
दिन और रात
तवील हो जाते हैं
बिल्कुल रोज़े-मेहशर की तरह...

कब सुबह होती है
कब दोपहर ढलती है
कब शाम घिर आती है
और कब रात दहक उठती है

इस ठहरे हुए इक पल में
सदियां गुज़र जाती है
क्योंकि
ये हिज्र का मौसम है...
-फ़िरदौस ख़ान
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