शुक्रिया एबीपी न्यूज़...


Firdaus Diary... दरअसल हमारी डायरी है. इसमें हमारे गीत हैं,  ग़ज़लें हैं, नज़्में हैं, उन किताबों का ज़िक्र है, जो हमने पढ़ी हैं. इसमें मुख़्तलिफ़ मौज़ूं पर भी तब्सिरे हैं. और इस सबसे बढ़कर इसमें हमारी ज़िन्दगी की किताब के कई वर्क़ दर्ज हैं. हमें डायरी लिखने की आदत है. हम स्कूल के वक़्त से ही डायरी लिख रहे हैं. कुछ साल पहले अंतर्जाल पर भी ब्लॉग लिखना शुरू किया. शुरुआत हिन्दी से की थी. बाद में उर्दू, पंजाबी और अंग्रेज़ी में भी ब्लॉग लिखने लगे. डायरी लिखना ही नहीं, पढ़ना भी बहुत अच्छा लगता है. अकसर अपनी पुरानी डायरियां पढ़ने बैठ जाते हैं. दरअसल, डायरी ज़िन्दगी की एक किताब ही हुआ करती है, जिसके औराक़ (पन्नों) पर हमारी यादें दर्ज होती हैं. वह यादें, जो हमारे माज़ी का अहम हिस्सा हैं.

हिन्दी दिवस (14 सितम्बर 2014) के मौक़े पर ख़बरिया चैनल एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली के पार्क होटल में आयोजित एक भव्य समारोह में हमें साहित्यिक विषयों पर लेखन के लिए सर्वश्रेष्ठ ब्लॊगर पुरस्कार से सम्मानित किया. हमारा चयन  एबीपी न्यूज़ के ख़ास मेहमान सुधीश पचौरी, डॉ. कुमार विश्वास, प्रसून जोशी और नीलेश मिश्र ने किया. इस सम्मान के लिए हम एबीपी न्यूज़ और सुधीश पचौरी जी, डॉ. कुमार विश्वास जी, प्रसून जोशी जी और नीलेश मिश्र जी के तहेदिल से शुक्रगुज़ार हैं...
यह पुरस्कार हम अपने उन सभी शुभचिंतकों और पाठकों को समर्पित करते हैं, जो हमारी तहरीर पढ़ते और पसंद करते हैं.

  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • Twitter
  • RSS

4 Response to "शुक्रिया एबीपी न्यूज़..."

  1. संजय भास्‍कर says:
    17 सितंबर 2014 को 2:29 pm बजे

    बहुत बहुत मुबारक

  2. Rajendra kumar says:
    18 सितंबर 2014 को 4:49 pm बजे

    बधाइयाँ ,आपकी यह प्रस्तुति कल शुक्रवार (19.09.2014) को "अपना -पराया" (चर्चा अंक-1741)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

  3. Sadhana Vaid says:
    19 सितंबर 2014 को 3:23 pm बजे

    बहुत-बहुत बधाई फिरदौस जी !

  4. मन के - मनके says:
    19 सितंबर 2014 को 7:42 pm बजे

    बहुत-बहुत बधाई

एक टिप्पणी भेजें