ज़िन्दगी में मुहब्बत का मौसम हो...


काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...

सुबहें
उम्मीद की किरनों से
रौशन हों...

दोपहरें
पलाश-वन सी
दहकी हों...

शामें
सुर्ख़ गुलाबों-सी
महकी हों...

और
रातें
मुहब्बत की चांदनी में
भीगी हों...

काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...
-फ़िरदौस ख़ान
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मरने वाले के नाम की जगह मेरा नाम लिखा होगा...

नज़्म
जब कभी
अख़बार में पढ़ती हूं
खुदकुशी की कोई ख़बर
तो अकसर
यह सोचने लगती हूं
क्या कभी ऐसा होगा
मरने वाले के नाम की जगह
मेरा नाम लिखा होगा
और
मौत की वजह 'नामालूम' होगी
क्या कभी ऐसा होगा...?
-फ़िरदौस ख़ान
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