लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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25 सितंबर 2008 को 9:10 am बजे
चंद यादें
ज़िन्दगी के आंगन में
खिले सुर्ख़ गुलाबों की तरह
होती हैं
जिनकी भीनी-भीनी खुशबू
मुस्तक़बिल तक को महका देती है...
सुब्हान अल्लाह दिल को छू लेने वाली नज़्म है...आप में ग़ज़ब की क़ाबिलियत है...
25 सितंबर 2008 को 11:46 am बजे
kya baat hai. bhut sundar.
Firdaus ji raziya sultan ke gaane me pahale hi apni post me daal chuki hu. uske link
http://thodasasukun.blogspot.com/2008/07/blog-post_09.html
http://thodasasukun.blogspot.com/2008/07/blog-post_3427.html
http://thodasasukun.blogspot.com/2008/07/blog-post_1394.html
ye tin gaane raziya sultan ke hai.
25 सितंबर 2008 को 12:13 pm बजे
चंद यादें
ज़िन्दगी के आंगन में
खिले सुर्ख़ गुलाबों की तरह
होती हैं
bahut sunder....dil ko chu gai hai aapki je paktiyan
25 सितंबर 2008 को 1:09 pm बजे
जिनकी भीनी-भीनी खुशबू
मुस्तक़बिल तक को महका देती है...
sacchhi!!!
25 सितंबर 2008 को 1:12 pm बजे
अच्छी लाइने!!!!!
ख़ूबसूरत भाव !!!!
25 सितंबर 2008 को 6:08 pm बजे
क्या बात है बहुत खूब फिरदौस जी
27 सितंबर 2008 को 1:41 am बजे
vakai yadon ki khushboo puri jindagi dil aur dimag per chayi rahti hai.