इश्क़

इश्क़ की मंज़िल शादी नहीं, इबादत हुआ करती है... हमारा मानना है कि इश्क़ कभी नाकाम नहीं होता... दिल में इश्क़ का जज़्बा होना ही, ज़िन्दगी को मुकम्मल कर देता है... जो लोग इश्क़ को शादी से जोड़कर देखते हैं, वो इश्क़ को समझे ही नहीं हैं... इश्क़ का अगला दर्जा शादी नहीं, इबादत हुआ करता है...
इश्क़ अल्लाह की सबसे बड़ी नेमत हुआ करती है... बहुत ख़ुशनसीब हुआ करते हैं, वो लोग जिनकी रूह की ख़ुशबू से मुअत्तर है...

  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • Twitter
  • RSS

0 Response to "इश्क़"

एक टिप्पणी भेजें