सालगिरह
आज हमारी ईद है, क्योंकि आज उनकी सालगिरह है. और महबूब की सालगिरह से बढ़कर कोई त्यौहार नहीं होता.
अगर वो न होते, तो हम भी कहां होते. उनके दम से ही हमारी ज़िन्दगी में मुहब्बत की रौशनी है. और अगर ये रौशनी न होती, तो ज़िन्दगी कितनी अधूरी होती, लाहासिल होती.
अल्लाह अपने महबूब हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदक़े में हमारे महबूब को हमेशा सलामत रखे, आमीन 🌹
-फ़िरदौस ख़ान
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