कुछ चेहरे
कुछ चेहरे ऐसे हुआ करते हैं, जिन्हें देखकर इंसान ख़ुद को भूल जाता है... हवासों पर बेख़ुदी तारी हो जाती है... दिल सजदे में झुक जाता है... शायद यही लम्हे हुआ करते हैं, जब बंदा अपने ख़ुदा के और भी क़रीब हो जाता है...
इंदीवर साहब ने क्या ख़ूब लिखा है-
अपना रूप दिखाने को तेरे रूप मे खुद ईश्वर होगा...
तुझे देख कर जग वाले पर यक़ीन नहीं क्यूं कर होगा
जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा...
(Firdaus Diary)
इंदीवर साहब ने क्या ख़ूब लिखा है-
अपना रूप दिखाने को तेरे रूप मे खुद ईश्वर होगा...
तुझे देख कर जग वाले पर यक़ीन नहीं क्यूं कर होगा
जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा...
(Firdaus Diary)
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