विज्ञापन गुमराह करते हैं
सोच रहे हैं, क्या ख़ाला ने ये ख़बर सुनी होगी... अगर सुनी होगी, तो उन्होंने ये ज़रूर सोचा होगा कि ठगी तो वह भी गई हैं, उन करोड़ों लोगों की तरह, जो विज्ञापनों के झूठे दावों पर भरोसा करके कुछ अच्छे की उम्मीद बांध लेते हैं...
ज़्यादातर विज्ञापन गुमराह करते हैं... फिर भी लोग विज्ञापनों के झूठे दावों के दांव में फंस जाते हैं... बचपन की बात है... हमारी रिश्ते की एक ख़ाला हैं... उनका रंग ज़्यादा सांवला है... वो फ़ेयरनेस क्रीम लगाती थीं, शायद उस वक़्त आठ हफ़्तों में गोरा होने का दावा किया जाता था... वो अपनी अम्मी से क्रीम छुपाकर रखती थीं, ताकि वो देख न लें... क्रीम लगाने की सख़्त मनाही थी... बस काजल या सुरमा लगाने की इजाज़त थी... बरसों उन्होंने क्रीम लगाई, लेकिन गोरी नहीं हुईं... चार साल पहले जयपुर में उनसे मुलाक़ात हुई... हमने उनसे पूछा कि क्या अब भी फ़ेयरनेस क्रीम लगाती हैं... वो मुस्करा कर रह गईं...
दिल्ली की ज़िला उपभोक्ता अदालत ने फ़ेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह फ़ैसला निखिल जैन की याचिका पर सुनाया है. तीन साल पहले दायर अर्ज़ी में निखिल ने आरोप लगाया था कि इमामी ने प्रचार में जो दावा किया था, क्रीम के इस्तेमाल से सच में वैसा कोई नतीजा नहीं आया. इमामी स्किन क्रीम के इस्तेमाल के बाद ख़ुद को छला हुआ महसूस करने के बाद निखिल ने कंपनी के ख़िलाफ़ अनफ़ेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस का आरोप लगाया था. उसने जो क्रीम ख़रीदा थी, उसके प्रचार में चार हफ़्ते में गोरापन लाने का वादा किया गया था. उन्हें प्रचार में शाहरुख़ ख़ान यह दावा करते दिखे थे.
अदालत में कंपनी ने कहा कि उसका उत्पाद त्वचा की सेहत और गुणवत्ता सुधारने के लिए है. इस पर अदालत ने विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए ने कहा, ‘पहली बात तो विज्ञापन में गोरापन शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है त्वचा का रंग साफ़ करना. दूसरी बात, इसमें वादा किया गया है कि चार हफ़्ते के इस्तेमाल के बाद गोरी त्वचा मिलेगी.’
ज़्यादातर विज्ञापन गुमराह करते हैं... फिर भी लोग विज्ञापनों के झूठे दावों के दांव में फंस जाते हैं... बचपन की बात है... हमारी रिश्ते की एक ख़ाला हैं... उनका रंग ज़्यादा सांवला है... वो फ़ेयरनेस क्रीम लगाती थीं, शायद उस वक़्त आठ हफ़्तों में गोरा होने का दावा किया जाता था... वो अपनी अम्मी से क्रीम छुपाकर रखती थीं, ताकि वो देख न लें... क्रीम लगाने की सख़्त मनाही थी... बस काजल या सुरमा लगाने की इजाज़त थी... बरसों उन्होंने क्रीम लगाई, लेकिन गोरी नहीं हुईं... चार साल पहले जयपुर में उनसे मुलाक़ात हुई... हमने उनसे पूछा कि क्या अब भी फ़ेयरनेस क्रीम लगाती हैं... वो मुस्करा कर रह गईं...
दिल्ली की ज़िला उपभोक्ता अदालत ने फ़ेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह फ़ैसला निखिल जैन की याचिका पर सुनाया है. तीन साल पहले दायर अर्ज़ी में निखिल ने आरोप लगाया था कि इमामी ने प्रचार में जो दावा किया था, क्रीम के इस्तेमाल से सच में वैसा कोई नतीजा नहीं आया. इमामी स्किन क्रीम के इस्तेमाल के बाद ख़ुद को छला हुआ महसूस करने के बाद निखिल ने कंपनी के ख़िलाफ़ अनफ़ेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस का आरोप लगाया था. उसने जो क्रीम ख़रीदा थी, उसके प्रचार में चार हफ़्ते में गोरापन लाने का वादा किया गया था. उन्हें प्रचार में शाहरुख़ ख़ान यह दावा करते दिखे थे.
अदालत में कंपनी ने कहा कि उसका उत्पाद त्वचा की सेहत और गुणवत्ता सुधारने के लिए है. इस पर अदालत ने विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए ने कहा, ‘पहली बात तो विज्ञापन में गोरापन शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है त्वचा का रंग साफ़ करना. दूसरी बात, इसमें वादा किया गया है कि चार हफ़्ते के इस्तेमाल के बाद गोरी त्वचा मिलेगी.’
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