आदत
एक क़िस्सा बहुत मशहूर है. एक शख़्स किसी नजूमी के पास गया और बोला- मेरी दुख-तकलीफ़ें कब ख़त्म होंगी ?
नजूमी बोला- बस छह-सात महीने और इसी तरह चलेगा.
उस शख़्स ने फिर पूछा- उसके बाद ?
नजूमी बोला- उसके बाद क्या, तुझे दुख-तकलीफ़ों की आदत पड़ जाएगी.
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अमूमन ऐसा ही होता है... जब हम किसी मुसीबत में मुबतला होते हैं, तब हमें बहुत तकलीफ़ होती है... उसके बाद फिर आदत पड़ जाती है... ख़ासकर रिश्तों के मामले में... कोई बार-बार रूठता रहे, तो इंसान उसे मनाता है... लेकिन जब कोई इसे अपनी आदत ही बना ले, तो सामने वाला सब्र करके बैठ जाता है...
(Firdaus Diary)
तस्वीर गूगल से साभार
5 अगस्त 2015 को 11:11 pm बजे
जी आपने बहुत सही लिखा है ।कुछ हालातों की आदत ही बनानी पड़ती है ।
5 अगस्त 2015 को 11:17 pm बजे
बहुत सही लिखा है आपने । हालातों की आदत पड़ जाती है ज़िन्दगी में ।