बारिश की उदासी...


रात से बारिश हो रही है... लड़की को बारिश का मौसम हमेशा से अच्छा लगता है, लेकिन आज न जाने क्यों वह उदास है... कुछ बरस पहले जब जाड़ों के आख़िर में बारिश हुई थी, तब वो साथ था... दोनों साथ-साथ चल रहे थे... आसमान में काली घटा छाई हुई थी, बिल्कुल सावन की तरह... वो बहुत कम बात करते थे, शायद इसलिए कि वो बिना कहे ही एक-दूसरे के दिल की बात जान लिया करते थे... अचानक बारिश होने लगती है... वो भीग जाते हैं...  जाड़े में भीगने की वजह से लड़की को बुख़ार आ जाता है... बाद में लड़के का दोस्त बताता है कि लड़का भी बुख़ार से तप रहा है... लड़की सोचती है कि अगर वो उसके पास होती, तो उसे अदरक वाली चाय बनाकर पिलाती... उसके माथे और सीने पर विक्स लगाती...  लेकिन वो उसके पास नहीं है...
आज भी बारिश हो रही है... ठंडी हवाएं चल रही हैं... लेकिन वो परदेस में है... शायद यही सोचकर लड़की उदास है...
(हमारी एक कहानी से)
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1 Response to "बारिश की उदासी..."

  1. संजय भास्‍कर says:
    3 अप्रैल 2015 को 10:22 am बजे

    बहुत सुंदर लिखा है ...
    सहज अनुभूति की सुंदर अभिव्यक्ति ...!!

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