उमरपुरा के सिख भाइयों ने बनवाई मस्जिद
-
*डॉ. फ़िरदौस ख़ान *
हमारे प्यारे हिन्दुस्तान की सौंधी मिट्टी में आज भी मुहब्बत की महक बरक़रार
है. इसलिए यहां के बाशिन्दे वक़्त-दर-वक़्त इंसानियत, प्रेम और भाई...
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)











2 अप्रैल 2015 को 6:46 pm बजे
खुशनुमा पल कब पूनम के चाँद की तरह गुम हो जाय कुछ नहीं कह सकते ...बहुत सुन्दर रचना