उमरपुरा के सिख भाइयों ने बनवाई मस्जिद
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*डॉ. फ़िरदौस ख़ान *
हमारे प्यारे हिन्दुस्तान की सौंधी मिट्टी में आज भी मुहब्बत की महक बरक़रार
है. इसलिए यहां के बाशिन्दे वक़्त-दर-वक़्त इंसानियत, प्रेम और भाई...
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25 अक्टूबर 2013 को 10:47 am बजे
बिल्कुल सही
25 अक्टूबर 2013 को 11:18 am बजे
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
26 अक्टूबर 2013 को 2:33 am बजे
सही कहा किताबें, उनमें दबे कत और तस्वीरें यादों के कितने गलियारे घुमवाती हैं.
26 अक्टूबर 2013 को 2:36 am बजे
सही कहा खत किताबें तस्वीरें यादों के कितने गलियारे घुमवाती हैं।