एक किताब जो आपकी ज़िंदगी बदल देगी
फ़िरदौस ख़ान
ख़ूबसूरती किसे नहीं भाती. हर इंसान ख़ूबसूरती से प्यार करता है, चाहे वह तन की हो या फिर मन की. वह ख़ूबसूरत चीज़ों को देखना चाहता है. हम फूलों को इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि वे बेहद ख़ूबसूरत होते हैं और हमें ख़ुशी देते हैं. इंसान ख़ुद को भी ख़ूबसूरत देखना चाहता है. इसलिए वह रंग-बिरंगी पोशाकें पहनता है, ज़ेवर से ख़ुद को सजाता-संवारता है और कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल कर अपना रंग-रूप निखारता है. लेकिन सिर्फ़ ख़ूबसूरती ही काफ़ी नहीं होती, इंसान के विचार, उसके काम और उसका मन ख़ूबसूरत होना लाज़िमी है. ये गुण इंसान को अपने परिवार से मिलते हैं. पहले के दौर में जहां इंसान में सिर्फ़ अच्छे गुण होना ही काफ़ी माना जाता था, वहीं आज के दौर में इंसान का जिस्मानी रूप से ख़ूबसूरत होना भी मायने रखने लगा है. ख़ूबसूरती आत्मविश्वास का पर्याय बनती जा रही है. इंटरव्यू पर जाने से पहले लोग दिमाग़ी कसरत की बजाय अपने कपड़ों और मेकअप पर ज़्यादा तवज्जो देने लगे हैं. बदलते परिवेश के मद्देनज़र अब जगह-जगह ख़ूबसूरत बनाने के सेंटर भी खुलने लगे हैं. कोई क़द बढ़ाने का दावा करता है, तो कोई गोरा बनाने का. इंसान को सुडौल बनाने के लिए भी सेंटर खुले हुए हैं. बाज़ार में सौंदर्य से संबंधित कई किताबों की भी भरमार है.
हाल में डायमंड बुक्स ने नमिता जैन की एक किताब प्रकाशित की है, जिसका नाम है आख़िरी 5 किलो कैसे घटाएं. इस किताब में वज़न घटाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. नमिता जैन जीवनशैली और वज़न नियंत्रण विशेषज्ञ हैं. इससे पहले उनकी चार सप्ताह में वज़न कैसे घटाएं और टीन फिटनेस गाइड नामक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इस किताब में वह उन आख़िरी पांच किलो वज़न के बारे में बात कर रही हैं, जो अमूमन वज़न घटाने की प्रक्रिया के आख़िर में अटक कर रह जाता है. उन्होंने वज़न घटाने के लिए एक संपूर्ण पहल अपनाने पर ज़ोर दिया है, जिसमें डाइट और व्यायाम के साथ मानसिक सेहत भी शामिल है. दरअसल, डायटिंग करने वाले को एक खिलाड़ी की तरह होना चाहिए. जीतने के लिए शुरू ही नहीं, आख़िर भी अच्छा होना चाहिए. लेकिन होता इसका बिल्कुल उल्टा है, क्योंकि वज़न कम करने के लिए एक लक्ष्य की ज़रूरत होती है और आप अपने लक्ष्य के जितना क़रीब आते हैं, उसे पाना उतना ही मुश्किल होता है. बहुत-सी ऐसी किताबें हैं, जो आपको लक्ष्य शुरू करने के लिए प्रेरित करती तो हैं, पर आख़िर तक पहुंचा नहीं पातीं. इसके विपरीत बहुत-सी किताबें वज़न घटाने में बहुत मददगार साबित होती हैं. नमिता कहती हैं, जब भी वज़न घटाना हो तो सोच-समझकर संतुलित आहार लेना बहुत ज़रूरी हो जाता है. बेशक यह धीमी प्रक्रिया आपके धैर्य की परीक्षा लेती है, पर आख़िर में जीतते आप ही हैं.
उन्होंने किताब में उन लोगों के बारे में भी ज़िक्र किया है, जो ग़लत और हानिकारक तरीक़ों से वज़न घटाने के उपाय तलाशते हैं जैसे भूखे रहना या फिर व्यायाम की अति कर देना. अमूमन इन तरीक़ों को अपनाकर फ़ौरी तौर पर फ़ायदा तो पा लेते हैं, लेकिन वे जान नहीं पाते कि ये सब उनके लिए कितना नुक़सानदेह हो सकता है. आजकल हेल्थ फार्म का चलन बढ़ गया है और यहां जाकर लोग अपने वज़न को नियंत्रित करने में लगे हुए होते हैं, जबकि यह तभी तक आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, जब तक आप घर आकर भी उसी अनुशासित जीवनशैली को अपनाते हैं, जबकि ऐसा संभव नहीं हो पाता. उन्होंने संतुलित आहार लेने पर ज़ोर दिया है. वह कहती हैं, केवल भोजन की कैलोरी न गिनें, उस भोजन पर भी ध्यान दें, जिससे कैलोरी मिलती है. फिटनेस लक्ष्य के प्रति इन कुछ आख़िरी क़दमों में आपको एक ऐसा संपूर्ण भोजन चाहिए, जो आपको पूरी तरह से ऊर्जा और तंदुरुस्ती का तोहफ़ा दे सके. मिनिरल्स, प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ, फल-सब्ज़ियां, वसा और चीनी के मेल से आपका आहार संतुलित हो सकता है. किताब में विभिन्न कैलोरी की ज़रूरत के मुताबिक़ मेन्यू भी दिया गया है, ताकि हर व्यक्ति अपनी ज़रूरत के हिसाब से डाइट ले सके. आख़िरी पांच किलो वज़न घटाने की प्रक्रिया में सब चीज़ें बहुत महत्व रखती हैं, जो कुछ भी खाएं, उस पर नज़र रखनी होगी. कहीं ऐसा न हो कि आप भी यही कहती सुनाई दें कि मैं तो कुछ खाती ही नहीं, पता नहीं वज़न कैसे बढ़ गया. इसलिए यह ज़रूरी है कि हमें जब भूख लगती है तो हम सबसे पहले अपने आसपास या रसोई की अलमारियों में रखी चीज़ों को ही खाते हैं. अगर वहां सेहतमंद खाद्य पदार्थ रखे होंगे तो निश्चित रूप से आप वही खाएंगे, इसलिए जब भी रसोई का सामान ख़रीदने जाएं, तो जंक फूड ख़रीदने से बचें और ऐसी चीज़ें लें, जो वज़न घटाने में मदद करें और साथ ही पोषण संबंधी कमियों को भी पूरा कर सकें. तेल रहित व्यंजन विधियां देने के बाद किताब में व्यायाम और फिटनेस दिनचर्या पर चर्चा की बारी आती है.
हर व्यक्ति को अपने कार्य, जीवनशैली और ज़रूरत के मुताबिक़ वर्कआउट प्लान बनाना चाहिए. यह ज़रूरी नहीं कि आपके पास जिम के महंगे उपकरण ही हों. अगर जिम जाने की सुविधा या वक़्त न हो तो सैर भी कर सकते हैं. यह आसान और सुरक्षित होने के साथ-साथ किफ़ायती भी है. इसके बाद वह योगासनों की चर्चा करती हैं. उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में किसी न किसी रूप में व्यायाम को शामिल करना चाहिए. अगर व्यायाम से बोरियत हो तो कोई दूसरा तरीक़ा खोजें.
किताब के 39 अध्याय हैं और हर अध्याय के आख़िर में टिप्स दिए गए हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. इसी तरह एक अध्याय के आख़िर में वह कहती हैं कि जहां भी जाएं, पानी की बोतल साथ रखें. व्यायाम या स़फर के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें. हर खाने के साथ पानी पीने की आदत डालें. पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतज़ार न करें. अगर ऐसा करते हैं तो इसका मतलब है कि आपमें पानी की कमी हो रही है. दरअसल, पानी पीने से भूख मिटती है और नई ऊर्जा मिलती है. दोनों ही वज़न घटाने के बेहतरीन नुस्खें हैं. ताज़े फल और सब्ज़ियां खाएं. भूख लगने पर ही खाएं और पेट भरते ही खाना बंद कर दें. लिफ्ट की बजाय घर और कार्यालय में सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. चलते-फिरते रहें. लगातार बैठे रहने से हाथों-पैरों में जकड़न आती है. चलने-फिरने से रक्त संचार बना रहता है. सुबह जल्दी उठकर सैर पर जाएं. सुबह की धूप से मिलने वाले विटामिन डी से हड्डियों मज़बूत होंगी. थो़डा संगीत सुनें और घर का कामकाज भी करें.
किताब के चौथे हिस्से में माइंड पावर की बात की गई है. जब मन पर नियंत्रण होता है, तो शरीर भी उसी के हिसाब से चलता है. आपको भी अपने मन को ताक़तवर बनाना है, ताकि वह लक्ष्य तक जाने में मददगार हो सके. आख़िर में वह पाठकों से अनुरोध करती हैं कि जब वे अपने वज़न घटाने के लक्ष्य की ओर कुछ क़दम बढ़ाएं तो ख़ुद को दुलारना न भूलें. अपनी पीठ थपथपाएं, क्योंकि वज़न घटाना कोई मज़ाक़ नहीं है. आपने कड़ी मेहनत और लगन से यह लक्ष्य पाया है. तनाव से दूर रहें और आख़िरी पांच किलो घटाने की यह लड़ाई जीत लें. आख़िरी पांच किलो को अलविदा कहें और एक सेहतमंद ज़िंदगी से हाथ मिलाएं.
बेशक, यह किताब आपको वज़न घटाने के लिए प्रेरित करते हुए आपके लक्ष्य तक पहुंचने में आपकी मदद करती है, लेकिन यह क़तई न भूलें कि इस राह पर चलना तो आप ही को है. इसलिए अपने मन को मज़बूत करें, और चल पड़ें अपने लक्ष्य की ओर. इंसान चाहे तो वह अपनी लगन और मेहनत के बूते हर उस लक्ष्य को हासिल कर सकता है, जिसे वह पाना चाहता है. बहरहाल, यह किताब उन पाठकों के लिए बेहद फ़ायदेमंद है, जो अपनी फिटनेस को लेकर फ़िक्रमंद रहते हैं. इस किताब में उनके कई ऐसे सवालों के जवाब मिल जाएंगे, जो वे जानना चाहते हैं. फिटनेस के लिहाज़ से यह किताब संग्रहणीय है और पाठकों को पसंद आएगी. (स्टार न्यूज़ एजेंसी)
समीक्ष्य कृति : आख़िरी 5 किलो कैसे घटाएं
लेखिका : नमिता जैन
प्रकाशक : डायमंड बुक्स
क़ीमत : 125 रुपये
ख़ूबसूरती किसे नहीं भाती. हर इंसान ख़ूबसूरती से प्यार करता है, चाहे वह तन की हो या फिर मन की. वह ख़ूबसूरत चीज़ों को देखना चाहता है. हम फूलों को इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि वे बेहद ख़ूबसूरत होते हैं और हमें ख़ुशी देते हैं. इंसान ख़ुद को भी ख़ूबसूरत देखना चाहता है. इसलिए वह रंग-बिरंगी पोशाकें पहनता है, ज़ेवर से ख़ुद को सजाता-संवारता है और कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल कर अपना रंग-रूप निखारता है. लेकिन सिर्फ़ ख़ूबसूरती ही काफ़ी नहीं होती, इंसान के विचार, उसके काम और उसका मन ख़ूबसूरत होना लाज़िमी है. ये गुण इंसान को अपने परिवार से मिलते हैं. पहले के दौर में जहां इंसान में सिर्फ़ अच्छे गुण होना ही काफ़ी माना जाता था, वहीं आज के दौर में इंसान का जिस्मानी रूप से ख़ूबसूरत होना भी मायने रखने लगा है. ख़ूबसूरती आत्मविश्वास का पर्याय बनती जा रही है. इंटरव्यू पर जाने से पहले लोग दिमाग़ी कसरत की बजाय अपने कपड़ों और मेकअप पर ज़्यादा तवज्जो देने लगे हैं. बदलते परिवेश के मद्देनज़र अब जगह-जगह ख़ूबसूरत बनाने के सेंटर भी खुलने लगे हैं. कोई क़द बढ़ाने का दावा करता है, तो कोई गोरा बनाने का. इंसान को सुडौल बनाने के लिए भी सेंटर खुले हुए हैं. बाज़ार में सौंदर्य से संबंधित कई किताबों की भी भरमार है.
हाल में डायमंड बुक्स ने नमिता जैन की एक किताब प्रकाशित की है, जिसका नाम है आख़िरी 5 किलो कैसे घटाएं. इस किताब में वज़न घटाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. नमिता जैन जीवनशैली और वज़न नियंत्रण विशेषज्ञ हैं. इससे पहले उनकी चार सप्ताह में वज़न कैसे घटाएं और टीन फिटनेस गाइड नामक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इस किताब में वह उन आख़िरी पांच किलो वज़न के बारे में बात कर रही हैं, जो अमूमन वज़न घटाने की प्रक्रिया के आख़िर में अटक कर रह जाता है. उन्होंने वज़न घटाने के लिए एक संपूर्ण पहल अपनाने पर ज़ोर दिया है, जिसमें डाइट और व्यायाम के साथ मानसिक सेहत भी शामिल है. दरअसल, डायटिंग करने वाले को एक खिलाड़ी की तरह होना चाहिए. जीतने के लिए शुरू ही नहीं, आख़िर भी अच्छा होना चाहिए. लेकिन होता इसका बिल्कुल उल्टा है, क्योंकि वज़न कम करने के लिए एक लक्ष्य की ज़रूरत होती है और आप अपने लक्ष्य के जितना क़रीब आते हैं, उसे पाना उतना ही मुश्किल होता है. बहुत-सी ऐसी किताबें हैं, जो आपको लक्ष्य शुरू करने के लिए प्रेरित करती तो हैं, पर आख़िर तक पहुंचा नहीं पातीं. इसके विपरीत बहुत-सी किताबें वज़न घटाने में बहुत मददगार साबित होती हैं. नमिता कहती हैं, जब भी वज़न घटाना हो तो सोच-समझकर संतुलित आहार लेना बहुत ज़रूरी हो जाता है. बेशक यह धीमी प्रक्रिया आपके धैर्य की परीक्षा लेती है, पर आख़िर में जीतते आप ही हैं.
उन्होंने किताब में उन लोगों के बारे में भी ज़िक्र किया है, जो ग़लत और हानिकारक तरीक़ों से वज़न घटाने के उपाय तलाशते हैं जैसे भूखे रहना या फिर व्यायाम की अति कर देना. अमूमन इन तरीक़ों को अपनाकर फ़ौरी तौर पर फ़ायदा तो पा लेते हैं, लेकिन वे जान नहीं पाते कि ये सब उनके लिए कितना नुक़सानदेह हो सकता है. आजकल हेल्थ फार्म का चलन बढ़ गया है और यहां जाकर लोग अपने वज़न को नियंत्रित करने में लगे हुए होते हैं, जबकि यह तभी तक आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है, जब तक आप घर आकर भी उसी अनुशासित जीवनशैली को अपनाते हैं, जबकि ऐसा संभव नहीं हो पाता. उन्होंने संतुलित आहार लेने पर ज़ोर दिया है. वह कहती हैं, केवल भोजन की कैलोरी न गिनें, उस भोजन पर भी ध्यान दें, जिससे कैलोरी मिलती है. फिटनेस लक्ष्य के प्रति इन कुछ आख़िरी क़दमों में आपको एक ऐसा संपूर्ण भोजन चाहिए, जो आपको पूरी तरह से ऊर्जा और तंदुरुस्ती का तोहफ़ा दे सके. मिनिरल्स, प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ, फल-सब्ज़ियां, वसा और चीनी के मेल से आपका आहार संतुलित हो सकता है. किताब में विभिन्न कैलोरी की ज़रूरत के मुताबिक़ मेन्यू भी दिया गया है, ताकि हर व्यक्ति अपनी ज़रूरत के हिसाब से डाइट ले सके. आख़िरी पांच किलो वज़न घटाने की प्रक्रिया में सब चीज़ें बहुत महत्व रखती हैं, जो कुछ भी खाएं, उस पर नज़र रखनी होगी. कहीं ऐसा न हो कि आप भी यही कहती सुनाई दें कि मैं तो कुछ खाती ही नहीं, पता नहीं वज़न कैसे बढ़ गया. इसलिए यह ज़रूरी है कि हमें जब भूख लगती है तो हम सबसे पहले अपने आसपास या रसोई की अलमारियों में रखी चीज़ों को ही खाते हैं. अगर वहां सेहतमंद खाद्य पदार्थ रखे होंगे तो निश्चित रूप से आप वही खाएंगे, इसलिए जब भी रसोई का सामान ख़रीदने जाएं, तो जंक फूड ख़रीदने से बचें और ऐसी चीज़ें लें, जो वज़न घटाने में मदद करें और साथ ही पोषण संबंधी कमियों को भी पूरा कर सकें. तेल रहित व्यंजन विधियां देने के बाद किताब में व्यायाम और फिटनेस दिनचर्या पर चर्चा की बारी आती है.
हर व्यक्ति को अपने कार्य, जीवनशैली और ज़रूरत के मुताबिक़ वर्कआउट प्लान बनाना चाहिए. यह ज़रूरी नहीं कि आपके पास जिम के महंगे उपकरण ही हों. अगर जिम जाने की सुविधा या वक़्त न हो तो सैर भी कर सकते हैं. यह आसान और सुरक्षित होने के साथ-साथ किफ़ायती भी है. इसके बाद वह योगासनों की चर्चा करती हैं. उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में किसी न किसी रूप में व्यायाम को शामिल करना चाहिए. अगर व्यायाम से बोरियत हो तो कोई दूसरा तरीक़ा खोजें.
किताब के 39 अध्याय हैं और हर अध्याय के आख़िर में टिप्स दिए गए हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. इसी तरह एक अध्याय के आख़िर में वह कहती हैं कि जहां भी जाएं, पानी की बोतल साथ रखें. व्यायाम या स़फर के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें. हर खाने के साथ पानी पीने की आदत डालें. पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतज़ार न करें. अगर ऐसा करते हैं तो इसका मतलब है कि आपमें पानी की कमी हो रही है. दरअसल, पानी पीने से भूख मिटती है और नई ऊर्जा मिलती है. दोनों ही वज़न घटाने के बेहतरीन नुस्खें हैं. ताज़े फल और सब्ज़ियां खाएं. भूख लगने पर ही खाएं और पेट भरते ही खाना बंद कर दें. लिफ्ट की बजाय घर और कार्यालय में सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. चलते-फिरते रहें. लगातार बैठे रहने से हाथों-पैरों में जकड़न आती है. चलने-फिरने से रक्त संचार बना रहता है. सुबह जल्दी उठकर सैर पर जाएं. सुबह की धूप से मिलने वाले विटामिन डी से हड्डियों मज़बूत होंगी. थो़डा संगीत सुनें और घर का कामकाज भी करें.
किताब के चौथे हिस्से में माइंड पावर की बात की गई है. जब मन पर नियंत्रण होता है, तो शरीर भी उसी के हिसाब से चलता है. आपको भी अपने मन को ताक़तवर बनाना है, ताकि वह लक्ष्य तक जाने में मददगार हो सके. आख़िर में वह पाठकों से अनुरोध करती हैं कि जब वे अपने वज़न घटाने के लक्ष्य की ओर कुछ क़दम बढ़ाएं तो ख़ुद को दुलारना न भूलें. अपनी पीठ थपथपाएं, क्योंकि वज़न घटाना कोई मज़ाक़ नहीं है. आपने कड़ी मेहनत और लगन से यह लक्ष्य पाया है. तनाव से दूर रहें और आख़िरी पांच किलो घटाने की यह लड़ाई जीत लें. आख़िरी पांच किलो को अलविदा कहें और एक सेहतमंद ज़िंदगी से हाथ मिलाएं.
बेशक, यह किताब आपको वज़न घटाने के लिए प्रेरित करते हुए आपके लक्ष्य तक पहुंचने में आपकी मदद करती है, लेकिन यह क़तई न भूलें कि इस राह पर चलना तो आप ही को है. इसलिए अपने मन को मज़बूत करें, और चल पड़ें अपने लक्ष्य की ओर. इंसान चाहे तो वह अपनी लगन और मेहनत के बूते हर उस लक्ष्य को हासिल कर सकता है, जिसे वह पाना चाहता है. बहरहाल, यह किताब उन पाठकों के लिए बेहद फ़ायदेमंद है, जो अपनी फिटनेस को लेकर फ़िक्रमंद रहते हैं. इस किताब में उनके कई ऐसे सवालों के जवाब मिल जाएंगे, जो वे जानना चाहते हैं. फिटनेस के लिहाज़ से यह किताब संग्रहणीय है और पाठकों को पसंद आएगी. (स्टार न्यूज़ एजेंसी)
समीक्ष्य कृति : आख़िरी 5 किलो कैसे घटाएं
लेखिका : नमिता जैन
प्रकाशक : डायमंड बुक्स
क़ीमत : 125 रुपये
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