लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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5 अप्रैल 2010 को 11:30 am बजे
बहुत ही बढ़िया विचार और कविता....."
5 अप्रैल 2010 को 11:32 am बजे
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
5 अप्रैल 2010 को 11:32 am बजे
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
5 अप्रैल 2010 को 11:40 am बजे
वाह .. क्या लाजवाब बात कही ... मुहब्बत में सच में दिल की सुनी जाती है ...
5 अप्रैल 2010 को 2:45 pm बजे
बहुत ही बढ़िया शब्दों को पिरो कर बड़ी शानदार सी ग़ज़ल पेश की है आपने!!
5 अप्रैल 2010 को 7:28 pm बजे
जी हाँ यही मुहब्बत है यही मुहब्बत की रिवायत है ..
बहुत खूब बेहतरीन
5 अप्रैल 2010 को 7:29 pm बजे
bahut khoob........agar unka rahe sath
to din ko kahe raat , lage raat
5 अप्रैल 2010 को 8:11 pm बजे
सही बात, सच्ची बात!
5 अप्रैल 2010 को 11:22 pm बजे
यही मुहब्बत है, मुहब्बत की रिवायत है...
बहुत खूब.
’जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे’....
इस बात को अलग ही अंदाज़ में खूबसूरती से कहा गया है.
मुबारकबाद.
6 अप्रैल 2010 को 8:10 am बजे
कड़ी धूप थी
आसमान से
शोले बरस रहे थे...
उसने कहा-
कितनी प्यारी खिली चांदनी है...
मैंने कहा-
बिलकुल
क्योंकि...
मुहब्बत में दिल की सुनी जाती है, ज़हन की नहीं
यही मुहब्बत है, मुहब्बत की रिवायत है...
एक-एक लफ़्ज़ समर्पण के जज्बे से सराबोर...
6 अप्रैल 2010 को 3:22 pm बजे
मुहब्ब्त एहसास का दुसरा नाम है।