ज़िन्दगी में मुहब्बत का मौसम हो...


काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...

सुबहें
उम्मीद की किरनों से
रौशन हों...

दोपहरें
पलाश-वन सी
दहकी हों...

शामें
सुर्ख़ गुलाबों-सी
महकी हों...

और
रातें
मुहब्बत की चांदनी में
भीगी हों...

काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...
-फ़िरदौस ख़ान
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19 Response to "ज़िन्दगी में मुहब्बत का मौसम हो..."

  1. mehek says:
    11 नवंबर 2008 को 3:38 pm बजे

    waah bahut hi khubsurat suhana man bhawan mausam,kash har pal aisa hi ho,sundar nazm badhai

  2. makrand says:
    11 नवंबर 2008 को 4:09 pm बजे

    काश! कभी ऐसा हो...
    ज़िन्दगी में
    मुहब्बत का मौसम हो
    bahut khub likha aapne

  3. seema gupta says:
    11 नवंबर 2008 को 4:23 pm बजे

    काश! कभी ऐसा हो...
    ज़िन्दगी में
    मुहब्बत का मौसम हो
    nice to read..

    regards

  4. Dr. Amar Jyoti says:
    11 नवंबर 2008 को 4:44 pm बजे

    आमीन।
    वैसे निराश न हों। 'वो सुबह कभी तो आएगी'

  5. Udan Tashtari says:
    11 नवंबर 2008 को 5:18 pm बजे

    काश! कभी ऐसा हो...
    ज़िन्दगी में
    मुहब्बत का मौसम हो...


    --बहुत उम्दा कहा!! वाह!

  6. दिनेशराय द्विवेदी says:
    11 नवंबर 2008 को 5:45 pm बजे

    काश की दुनिया की सभी जिन्दगियों में एक साथ यह मौसम आए और कभी न जाए।

  7. Rachna Singh says:
    11 नवंबर 2008 को 6:12 pm बजे

    काश! कभी ऐसा हो...
    ज़िन्दगी में
    मुहब्बत का मौसम हो...

    bahut khub

  8. Dr. Ashok Kumar Mishra says:
    12 नवंबर 2008 को 2:17 am बजे

    बहुत अच्छी रचना के िलए साधुवाद ।

  9. pallavi trivedi says:
    12 नवंबर 2008 को 10:01 am बजे

    अगर दिल में मोहब्बत हो तो ऐसा मौसम हमेशा रहता है.....बहुत अच्छा लिखा आपने!

  10. Dr. Nazar Mahmood says:
    12 नवंबर 2008 को 12:41 pm बजे

    आमीन

    lekin mohobbat ka mausam toh hai hi aapki zindagi main. yeh alag baat hai ki kis se aur kis tarah se

  11. Vinay says:
    14 नवंबर 2008 को 2:29 pm बजे

    रूमानी रचना के लिए बधाई!

  12. daanish says:
    14 नवंबर 2008 को 6:05 pm बजे

    "kaash kabhi aisa ho.." waah ! kis saleeqe se zindgi ko aawaaz di hai aapne. Ek musalsal.si pur.umeed sadaa aur uss pr umdaa t`khayyul, nafees lehjaa... aur munt`khb tashbeeh....aafreeN. mubarakbaad qubool farmaaeiN. ---MUFLIS---

  13. योगेन्द्र मौदगिल says:
    16 नवंबर 2008 को 2:15 pm बजे

    काश! कभी ऐसा हो...
    ज़िन्दगी में
    मुहब्बत का मौसम हो


    वाकई जरूरत है फिरदौस जी,
    आमीन..!

  14. महावीर says:
    19 नवंबर 2008 को 12:25 am बजे

    वैसे तो मुहब्बत का मौसम पूरी ज़िन्दगी के हर लम्हे में बसा हुआ है जहां मुहब्बत का हर पहलू देखने को मिलता रहता है - ख़ुशी, ग़म तो कभी इंतज़ार।
    एक ख़ूबसूरत रचना है।। बधाई।

  15. Dr. Nazar Mahmood says:
    20 नवंबर 2008 को 2:37 pm बजे

    apke blog ko apne link me rakha hai ummid hai aapko aiteraaz nahi hoga,

  16. हिन्दीवाणी says:
    21 नवंबर 2008 को 1:50 pm बजे

    आपकी यह ग़ज़ल मुझे इतनी देर से पढ़ने को क्यों मिली। वाकई बहुत उम्दा ग़ज़लें हैं। मेरा दुर्भाग्य का मैं देर से यहां पहुंचा।

  17. Yashwant R. B. Mathur says:
    29 अक्टूबर 2014 को 1:30 pm बजे

    कल 30/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

  18. दिगम्बर नासवा says:
    30 अक्टूबर 2014 को 12:37 pm बजे

    मुहब्बत का मौसम तो हर लम्हा होता है ... महसूस हो सके तो फिर बात है ...

  19. Kailash Sharma says:
    30 अक्टूबर 2014 को 7:56 pm बजे

    काश ऐसा हो पाता...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...

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