लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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11 नवंबर 2008 को 3:38 pm बजे
waah bahut hi khubsurat suhana man bhawan mausam,kash har pal aisa hi ho,sundar nazm badhai
11 नवंबर 2008 को 4:09 pm बजे
काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो
bahut khub likha aapne
11 नवंबर 2008 को 4:23 pm बजे
काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो
nice to read..
regards
11 नवंबर 2008 को 4:44 pm बजे
आमीन।
वैसे निराश न हों। 'वो सुबह कभी तो आएगी'
11 नवंबर 2008 को 5:18 pm बजे
काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...
--बहुत उम्दा कहा!! वाह!
11 नवंबर 2008 को 5:45 pm बजे
काश की दुनिया की सभी जिन्दगियों में एक साथ यह मौसम आए और कभी न जाए।
11 नवंबर 2008 को 6:12 pm बजे
काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो...
bahut khub
12 नवंबर 2008 को 2:17 am बजे
बहुत अच्छी रचना के िलए साधुवाद ।
12 नवंबर 2008 को 10:01 am बजे
अगर दिल में मोहब्बत हो तो ऐसा मौसम हमेशा रहता है.....बहुत अच्छा लिखा आपने!
12 नवंबर 2008 को 12:41 pm बजे
आमीन
lekin mohobbat ka mausam toh hai hi aapki zindagi main. yeh alag baat hai ki kis se aur kis tarah se
14 नवंबर 2008 को 2:29 pm बजे
रूमानी रचना के लिए बधाई!
14 नवंबर 2008 को 6:05 pm बजे
"kaash kabhi aisa ho.." waah ! kis saleeqe se zindgi ko aawaaz di hai aapne. Ek musalsal.si pur.umeed sadaa aur uss pr umdaa t`khayyul, nafees lehjaa... aur munt`khb tashbeeh....aafreeN. mubarakbaad qubool farmaaeiN. ---MUFLIS---
16 नवंबर 2008 को 2:15 pm बजे
काश! कभी ऐसा हो...
ज़िन्दगी में
मुहब्बत का मौसम हो
वाकई जरूरत है फिरदौस जी,
आमीन..!
19 नवंबर 2008 को 12:25 am बजे
वैसे तो मुहब्बत का मौसम पूरी ज़िन्दगी के हर लम्हे में बसा हुआ है जहां मुहब्बत का हर पहलू देखने को मिलता रहता है - ख़ुशी, ग़म तो कभी इंतज़ार।
एक ख़ूबसूरत रचना है।। बधाई।
20 नवंबर 2008 को 2:37 pm बजे
apke blog ko apne link me rakha hai ummid hai aapko aiteraaz nahi hoga,
21 नवंबर 2008 को 1:50 pm बजे
आपकी यह ग़ज़ल मुझे इतनी देर से पढ़ने को क्यों मिली। वाकई बहुत उम्दा ग़ज़लें हैं। मेरा दुर्भाग्य का मैं देर से यहां पहुंचा।
29 अक्टूबर 2014 को 1:30 pm बजे
कल 30/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
30 अक्टूबर 2014 को 12:37 pm बजे
मुहब्बत का मौसम तो हर लम्हा होता है ... महसूस हो सके तो फिर बात है ...
30 अक्टूबर 2014 को 7:56 pm बजे
काश ऐसा हो पाता...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...