देश सेवा


नागरिक सुरक्षा विभाग में बतौर पोस्ट वार्डन काम करने का सौभाग्य मिला... वो भी क्या दिन थे...
जय हिन्द
बक़ौल कंवल डिबाइवी
रश्क-ए-फ़िरदौस है तेरा रंगीं चमन 
तुझ पे गुल-बाश करते हैं कोह-ओ-दमन 
तेरे माथे की रेखा हैं गंग-ओ-जमन 
तेरी मिट्टी में ख़्वाबीदा हैं फ़िक्र-ओ-फ़न 
फ़ख़्र-ए-यूनान थी तेरी बज़्म-ए-कुहन 
मेरे हिन्दुस्तान मेरे प्यारे वतन
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