हिज्र का मौसम

मेरे महबूब !
ये हिज्र का मौसम है
और
इस हिज्र के मौसम में
दिन और रात
तवील हो जाते हैं
बिल्कुल रोज़े-मेहशर की तरह...

कब सुबह होती है
कब दोपहर ढलती है
कब शाम घिर आती है
और कब रात दहक उठती है

इस ठहरे हुए इक पल में
सदियां गुज़र जाती है
क्योंकि
ये हिज्र का मौसम है...
-फ़िरदौस ख़ान
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