तेरी ख़ामोश निगाहों मे अया होता है...
तेरी ख़ामोश निगाहों मे अया होता है
मुझको मालूम है उल्फ़त का नशा होता है
मुझसे मिलता है वो जब भी मेरे हमदम की तरह
उसकी पलकों पे कोई ख़्वाब सजा होता है
चैन कब पाया है मैंने ये न पूछो मुझसे
मैं करूं शिकवा तो नाराज़ ख़ुदा होता है
हाथ भी रहते हैं साये में मेरे आंचल के
जब हथेली पे तेरा नाम लिखा होता है
-फ़िरदौस ख़ान
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