बचपन...


बचपन... सच में कितना प्यारा होता है... ज़िंदगी की जद्दोजहद से बेफ़िक्र... जिसकी भूली-बिसरी यादें... उम्र का सरमाया बन जाया करती हैं... अपने बड़ों से सुनी अपने बचपन की बातें सुनना कितना भला लगता है... काश ! बचपन फिर से लौट सकता... अगर ऐसा होता, तो शायद हर इंसान हमेशा अपने बचपन में ही जीना चाहता... बिलकुल हमारी तरह...
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