इंदिरा गांधी हिम्मत और कामयाबी की दास्तां
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*डॉ. फ़िरदौस ख़ान*
’लौह महिला’ के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी न सिर्फ़ भारतीय राजनीति पर छाई
रहीं, बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी सूरज की तरह चमकीं. उनकी ...
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24 दिसंबर 2009 को 8:21 pm बजे
बहुत सुंदर लफ़्ज़ों के साथ.... बहुत सुंदर rachna.....
24 दिसंबर 2009 को 9:51 pm बजे
बहुत सुन्दर!!कहीं बहुत गहरे से निकले शब्द....
24 दिसंबर 2009 को 11:20 pm बजे
सुदंर लाईने हैं, आभार, और ईमान मलेकि की पेंटिंग साथ में लगाकर आपने मजा दुगना कर दिया
25 दिसंबर 2009 को 1:35 am बजे
'दिल ने एक सजदा... तुम्हे भी किया है...
और तभी से.. मेरी रूह सजदे में है'
आपके
इस अंदाजे-बयां पर क्या कहा जाये?
हां, अपना एक शेर याद आ रहा है-
मांगता रहता हूं इक बुत को खुदा से अकसर
इश्क ने कैसा 'मुसलमान' बना रखा है???
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
26 दिसंबर 2009 को 8:06 pm बजे
kya baat hai
bahut sundar
gahre bhaav
shubh kaamnayen
6 मार्च 2010 को 9:04 pm बजे
दिल ने
एक सजदा
तुम्हें भी किया है
और तभी से
मेरी रूह सजदे में है...
सुब्हानअल्लाह.......पाकीज़गी, इबादत और मुहब्बत की इंतिहा.......
3 अप्रैल 2010 को 8:45 pm बजे
Is zameen se falak tak
shayad do hi ghazab ki hain...........
Ek to aapka likhna...
aur ek mera parhna....