उदासी...


हर दिन उगता है
उदासियों के साथ
और फिर
उसी उदासी में
खो जाती है दोपहर
गहरी उदासियों का
बोझल सफ़र
जारी रहता है
देर शाम तक
और फिर
रात भी
इन्हीं उदासियों में
डूब जाती है...
न जाने क्यों
कई दिन से
मन बहुत उदास है
काश ! तुम पास होते...
-फ़िरदौस ख़ान

  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • Twitter
  • RSS

5 Response to "उदासी..."

  1. यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) says:
    23 नवंबर 2013 को 10:09 am बजे

    कल 24/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

  2. sushmaa kumarri says:
    23 नवंबर 2013 को 12:45 pm बजे

    बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

  3. Asha Lata Saxena says:
    24 नवंबर 2013 को 8:03 am बजे

    बढ़िया रचना |
    आशा

  4. स्वाति says:
    24 नवंबर 2013 को 11:09 am बजे

    उदासी को समेटे मुस्कुराते रहना ही जीवन है :)

  5. Onkar says:
    24 नवंबर 2013 को 11:33 am बजे

    सुन्दर रचना

एक टिप्पणी भेजें