तुम्हारे लिए एक दुआ...
मेरे महबूब...
आज तुम्हारी सालगिरह है... बरसों पहले आज ही के दिन यानी 19 जून को तुम्हारी अम्मी तुम्हें पाकर कितनी ख़ुश हुई होंगी...तुम्हें पाकर उन्होंने मां का दर्जा पा लिया...वो दर्जा जिसे हर औरत पाना चाहती है...नारी की संपूर्णता तो सृष्टि में ही है न... और तुम्हारे वालिद...वो तो ख़ुशी से फूले नहीं समाये होंगे... और दादी मां... उन्हें तो एक प्यारा सा गुड्डा मिल गया होगा... सच कितना ख़ुशनुमा होगा वो समां...
मेरे महबूब... यह दिन मेरे लिए भी बहुत ख़ास है...बिलकुल ईद की तरह... क्योंकि अगर तुम न होते तो...मैं भी कहां होती... तुम्हारे दम से ही मेरी ज़िन्दगी में मुहब्बत की रौशनी है...और अगर यह रौशनी न होती तो ज़िन्दगी कितनी अधूरी होती...
तुम्हारे लिए एक दुआ...
मेरे महबूब
तुम्हारी ज़िन्दगी में
हमेशा मुहब्बत का मौसम रहे...
मुहब्बत के मौसम के
वही चम्पई उजाले वाले दिन
जिसकी बसंती सुबहें
सूरज की बनफ़शी किरनों से
सजी हों...
जिसकी सजीली दोपहरें
चमकती सुनहरी धूप से
सराबोर हों...
जिसकी सुरमई शामें
रूमानियत के जज़्बे से
लबरेज़ हों...
और
जिसकी मदहोश रातों पर
चांदनी अपना वजूद लुटाती रहे...
तुम्हारी ज़िन्दगी का हर साल
और
साल का हर दिन
और
हर दिन का हर लम्हा
मुहब्बत के नूर से रौशन रहे...
यही मेरी दुआ है
तुम्हारे लिए...
-फ़िरदौस ख़ान
19 जून 2012 को 12:07 am बजे
महबूब के जन्मदिन पर आपको भी बहुत बहुत बधाई ... बहुत खूबसूरत दुआ ...
शुभकामनायें
19 जून 2012 को 8:01 am बजे
दिल की गहराई से लिखी गयी पोस्ट अपनी जगह आसानी से बनाती है !
बधाई