लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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28 मई 2010 को 10:06 am बजे
खूबसूरत ग़ज़ल, बहुत खूब!
28 मई 2010 को 10:41 am बजे
sarfaroshi ki tamana ab hamare dil me he
28 मई 2010 को 10:46 am बजे
बहुत खूबसूरत.....
28 मई 2010 को 11:24 am बजे
Badhiyaa !
28 मई 2010 को 1:00 pm बजे
रोज़ बसते नहीं हसरतों के नगर
ख़्वाब आंखों में फिर भी सजाते रहे.
वाह.......
आपकी शायरी हमेशा लाजवाब होती है.
28 मई 2010 को 1:18 pm बजे
बहुत खूबसूरत गजल बहुत सुन्दर
http://shikhakriti.blogspot.com/2010/05/blog-post_27.html
28 मई 2010 को 1:24 pm बजे
सुन्दर गज़ल
रेजग़ारी में ---
28 मई 2010 को 6:23 pm बजे
गम़ों के अंधेरे तूफान डराते रहे,
हम मंजिल की ओर कदम बढ़ाते रहे।
28 मई 2010 को 7:44 pm बजे
छोटी बहर और गहरे मानी से सराबोर ग़ज़ल...
28 मई 2010 को 10:38 pm बजे
बहुत ख़ूब !
29 मई 2010 को 8:16 am बजे
बहुत खूबसूरत गज़ल।
एक सुझाव - मुश्किल शब्दों का अर्थ लिख दिया करें, जैसे यहां ’रेगज़ारों’ का अर्थ हमें नहीं मालूम, अगर अर्थ मालूम चल जाये तो समझने में थोड़ी आसानी हो जाती है, नहीं तो अन्दाजे ही लगाने पड़ते हैं।
वाह वाह तो बनती ही है :)
29 मई 2010 को 9:01 am बजे
अच्छे लोग अच्छा ही सोचते हैं इसलिए अच्छा लिखते भी है। शानदार रचना।
29 मई 2010 को 11:48 am बजे
bahut sundar.
29 मई 2010 को 2:53 pm बजे
कुछ लोग इसलिए अच्छा लिख पाते हैं, क्योंकि वे खुद बहुत अच्छे होते हैं।
-इस ग़ज़ल के सभी शे'अरों में बहुत सारे लोग खुद को पाएंगे...
सहज और खूबसूरत ग़ज़ल...
31 मई 2010 को 5:15 pm बजे
kya baat hai.... kisi aznabi ke saath rishta nibhane ki
31 मई 2010 को 6:07 pm बजे
weldon
1 जून 2010 को 9:25 am बजे
जन्म दिन की मुबारकबाद!
2 जून 2010 को 9:51 am बजे
shaandaar gazal