लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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9 मार्च 2010 को 9:42 am बजे
वाह! उम्दा!
9 मार्च 2010 को 9:51 am बजे
Sundar Abhivyakti....Shubhkaamnaae!!
Happy Women's Day !!
9 मार्च 2010 को 9:54 am बजे
lajwaab parstuti....
9 मार्च 2010 को 10:05 am बजे
निगाहें तुम्हें तलाशती हैं....
जबकि दिल जानता है....
तुम कभी नहीं आओगे....
......वही आपके खास अंदाज़ में पेश की गई नज़्म
बस कुछ ऐसा ही होता है---
कोई वादा नहीं किया तुमने,
फिर भी रहता है इंतज़ार मगर.....
9 मार्च 2010 को 10:28 am बजे
सुन्दर अभिव्यक्ति शुभकामनायें
9 मार्च 2010 को 11:17 am बजे
आज बहुत दुखी हूँ.... इस आभासी दुनिया में कभी रिश्ते नहीं बनाने चाहिए... कई रिश्ते दर्द देते हैं.... बहुत दर्द देते हैं... ऐसा दर्द जो नासूर बन जाता है...
9 मार्च 2010 को 11:19 am बजे
बहन फ़िरदौस,
बहुत बहुत बहुत खूबसूरत और दिल को छू देने वाली छोटी मगर बेहद सशक्त रचना !!!
आपका भाई
सलीम ख़ान
9 मार्च 2010 को 12:57 pm बजे
bahut hi vedna bhari abhivyakti.
9 मार्च 2010 को 1:16 pm बजे
इंतेज़ार की इंतेहा है ये .... बहुत खूब लिखा है ....
9 मार्च 2010 को 9:08 pm बजे
बहुत ही खूबसूरत कविता.बेहद मार्मिक!
10 मार्च 2010 को 5:41 pm बजे
जब
ज़िन्दगी की वादियों में
तन्हाई का मौसम हो
और
अरमान
पलाश से दहकते हों...
तब
निगाहें
तुम्हें तलाशती हैं...
जबकि
दिल जानता है
तुम कभी नहीं आओगे...
दर्द की इंतिहा है....... मगर फिर भी मुहब्बत है.......
13 मार्च 2010 को 11:49 pm बजे
बहुत खूब कहा
17 मार्च 2010 को 4:24 pm बजे
आह!
17 मार्च 2010 को 4:24 pm बजे
आह!
17 मार्च 2010 को 4:24 pm बजे
आह!