दुआ...


हम जब भी किसी वजह से परेशान होते हैं, तो अपनी परेशानी अल्लाह से कह देते हैं... और फिर बेफ़िक्र हो जाते हैं... अल्लाह किसी की दुआ रद्द नहीं करता... इंसान मुंह फेर सकता है, लेकिन अल्लाह अपने बंदों से कभी ग़ाफ़िल नहीं होता...
बेशक, हम बहुत गुनाहगार हैं और वो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है...
वो अपने बंदों के तौबा करने पर उन्हें मुआफ़ कर देता है...
अल्लाह हमेशा उनका निगेहबान रहे... उन्हें अपनी रहमत के साये में रखे... आमीन
अल्लाह सबको ख़ुश रखे... आमीन


हमारी डायरी से

  • वो हमारी दुआओं के साये में रहते हैं...

तस्वीर गूगल से साभार



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