लोकप्रिय नेता थे राजीव गांधी
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*किसी भी बेटे के लिए उसके पापा का जाना बहुत तकलीफ़देह होता है... हमें भी
अपने पापा की बहुत याद आ रही है... स्वर्गीय राजीव गांधी पापा के प्रिय नेता
थे...ह...
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27 अप्रैल 2010 को 6:24 am बजे
प्यार वो शै है जो सब कुछ बदल देती है
सुन्दर रचना
27 अप्रैल 2010 को 6:28 am बजे
andaz acchha laga .
27 अप्रैल 2010 को 6:40 am बजे
Ati sunder, bahut hi achhhi kavita.
27 अप्रैल 2010 को 7:20 am बजे
बहुत सुन्दर नज़्म!! अच्छा लगा पढ़कर.
27 अप्रैल 2010 को 9:49 am बजे
बहुत ही अच्छा लगा. आभार.
27 अप्रैल 2010 को 12:19 pm बजे
वाह जी आपके अल्फाज़ का जज़ीरा पसन्द आया
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गुलाबी कोंपलें
27 अप्रैल 2010 को 1:17 pm बजे
JI BAHUT BADHIYA BHAVAABHIVAYACTI!
KUNWAR JI,
27 अप्रैल 2010 को 2:10 pm बजे
सूरज की सुनहरी किरनों ने चूम लिया बदन मेरा
तुम थे कोसों दूर..पर यूं लगा...जैसे...
यह प्यार भरा पैग़ाम तुमने ही भेजा है...
बेहतरीन शायरी..दिल को छू गई नज़्म.
27 अप्रैल 2010 को 3:27 pm बजे
waah bahut hi sundar andaz hai.
27 अप्रैल 2010 को 4:38 pm बजे
pyaar bhara paigaam n sirf paane wale ko balki bhejne wale ko bhi badal deta hai.