भीड़ में भी तन्हा हैं राहुल गांधी
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जन्मदिन 19 जून पर विशेष
*भीड़ में भी तन्हा हैं राहुल गांधी*
-फ़िरदौस ख़ान
राहुल गांधी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वे देश और राज्यों में सबसे लम्बे
अरसे त...
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15 सितंबर 2008 को 11:24 am बजे
होंठों पे मुहब्बत के तराने नहीं आते
जो बीत गए फिर वो ज़माने नहीं आते
हल कोई जुदाई का निकालो मेरे हमदम
अब ख़्वाब भी नींदों में सताने नहीं आते
सुब्हान अल्लाह...बहुत ख़ूब...
15 सितंबर 2008 को 12:55 pm बजे
bahut khoob...badhiya likha.
15 सितंबर 2008 को 1:12 pm बजे
bahut acchhey!!!
15 सितंबर 2008 को 1:16 pm बजे
बादल तो गरजते हैं, मगर ये भी हकीक़त
आंगन में घटा बनके वो छाने नहीं आते
bahut achhe....
16 सितंबर 2008 को 12:01 am बजे
हल कोई जुदाई का निकालो मेरे हमदम
अब ख़्वाब भी नींदों में सताने नहीं आते
--वाह वाह! बहुत खूब!!
25 सितंबर 2008 को 3:31 pm बजे
"हल कोई जुदाई का निकालो मेरे हमदम
अब ख़्वाब भी नींदों में सताने नहीं आते"
निहायत खूबसूरत अभिव्यक्ति !
27 अक्तूबर 2008 को 7:57 pm बजे
muje tirhi ghazal lekhan ki bidha sikhani hai .. aapki madad chahiye..
regards
arsh