डालडा का डिब्बा हो


हमें बचपन की यादों से वाबस्ता हर चीज़ से निस्बत है, भले ही वह डालडा का डिब्बा हो. उस वक़्त ज़िन्दगी कितनी ख़ुशहाल थी. सर पर वालिदैन का साया जो था. 
-फ़िरदौस ख़ान
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