Good person
-
It is most important to be a good person, for yourself and for others. A
good person makes the world worth living in. The world exists because of
good pe...
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
16 अप्रैल 2010 को 8:04 pm बजे
मौसम वाकई दहक रहा है
सूरज की गर्मी से कम पर ---
सुन्दर रचना
16 अप्रैल 2010 को 8:22 pm बजे
सुंदर कविता है।
पर इस दहकते मौसम में और भी बहुत कुछ है जो छूट गया है।
16 अप्रैल 2010 को 8:33 pm बजे
bahut achchhe shabd chitra
16 अप्रैल 2010 को 9:13 pm बजे
bahut achi nazm hai likhte raho
16 अप्रैल 2010 को 9:25 pm बजे
फ़िरदौस.....यह कविता बहुत अच्छी लगी..... आपने शब्दों से बहुत अच्छे से गूंथा है.....
16 अप्रैल 2010 को 9:28 pm बजे
nice
16 अप्रैल 2010 को 9:33 pm बजे
hamesha kee tarah ek aur sunder rachana..............
16 अप्रैल 2010 को 9:33 pm बजे
dudhiya chaandni me
mogra si mehkati
sulagti raate,
or
mosam bhi dahak raha hai!
garmi ke siwaay bahut kuchh or bhi bataati aap ki ye rachna!
kunwar ji,
16 अप्रैल 2010 को 10:33 pm बजे
सूनी गलियों में...बजारन ख़्वाहिशों सी
भटकती आवारा दोपहरें.............
बहुत खूब.....
बस ऐसे ही लिखते रहें......
16 अप्रैल 2010 को 10:39 pm बजे
बहुत खूब फिरदौस जी ! बहुत ही सुन्दर भाव और बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति ! आपकी शैली मन मोह गयी !
http://sudhinama.blogspot.com
http://sadhanavaid.blogspot.com
17 अप्रैल 2010 को 7:14 am बजे
लू , गुलमोहर , सूनी सड़के ...सुलगती रातें ...
मौसम के दहकने का और क्या प्रमाण चाहिए ...!!
सुन्दर अभिव्यक्ति ...!!
17 अप्रैल 2010 को 12:24 pm बजे
मौसम में तो लग रहा है कि दावानल उतर आया है। मनुष्य का सारा गुस्सा ही सूरज में समा गया है। अच्छी कविता, बधाई।
17 अप्रैल 2010 को 3:45 pm बजे
बहुत सुन्दर भाव पिरोये हैं।
17 अप्रैल 2010 को 4:31 pm बजे
nice abhivykti..