شوگر کا گھریلو علاج
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* فردوس خان*
شوگر ایک ایسی بیماری ہے جس کی وجہ سے انسان کی زندگی بہت بری طرح متاثر
ہوتی ہے۔ وہ مٹھائیاں، پھل، آلو، کولکاشیا اور اپنی پسند کی بہت سی د...
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8 दिसंबर 2009 को 7:42 pm बजे
शब्द बहुत हैं कम यहाँ लेकिन गहरे बोल।
याद अभी तक शेष है बात बहुत अनमोल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
8 दिसंबर 2009 को 8:00 pm बजे
jarur intajar karunga
bhagyodayorganic.blogspot.com
8 दिसंबर 2009 को 10:36 pm बजे
Sunder rachna..gehre bhav...
8 दिसंबर 2009 को 10:41 pm बजे
behtareen.
samay ho to mere blog per kavitain padein aur comment bhi dein-
http://drashokpriyaranjan.blogspot.com
9 दिसंबर 2009 को 2:16 pm बजे
bahut gahre arth hain is intzaar me
9 दिसंबर 2009 को 4:11 pm बजे
waah.........bahut hi gahre bhav chand shabdon mein hi.
10 दिसंबर 2009 को 7:56 pm बजे
एक फिल्मी गीत का टुकड़ा है .....
कोई वादा नहीं किया लेकिन,
क्यूं तेरा इंतजार रहता है
बेवजह जब करार मिल जाये
दिल बड़ा बेकरार रहता है।
http://rajey.blogspot.com/
और कोई कह जाये.. तब तो इंतजार करना ही होगा ना।
13 दिसंबर 2009 को 1:55 am बजे
मोहतरमा फिरदौस साहिबा, आदाब,
नज्म दिल को छूने वाली है.
अपना एक शेर अर्ज़ कर रहा हूं--
लौटकर आयेगा वो किरदार, इस उम्मीद में,
लेके बैठे हैं अधूरी इक कहानी आज भी..
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
21 अप्रैल 2010 को 12:38 am बजे
शब्द बहुत हैं कम यहाँ लेकिन गहरे बोल।