जगह मिलती है हर इक को कहां फूलों के दामन में
किसी को दुख नहीं होता, कहीं मातम नहीं होता
बिछड़ जाने का इस दुनिया को कोई ग़म नहीं होता
जगह मिलती है हर इक को कहां फूलों के दामन में
हर इक क़तरा मेरी जां कतरा-ए-शबनम नहीं होता
हम इस सुनसान रस्ते में अकेले वो मुसाफ़िर हैं
हमारा अपना साया भी जहां हमदम नहीं होता
चरागे-दिल जला रखा है हमने उसकी चाहत में
हज़ारों आंधियां आएं, उजाला कम नहीं होता
हर इक लड़की यहां शर्मो-हया का एक पुतला है
मेरी धरती पे नीचा प्यार का परचम नहीं होता
हमारी ज़िन्दगी में वो अगर होता नहीं शामिल
तो ज़ालिम वक़्त शायद हम पे यूं बारहम नहीं होता
अजब है वाक़ई 'फ़िरदौस' अपने दिल का काग़ज़ भी
कभी मैला नहीं होता, कभी भी नम नहीं होता
-फ़िरदौस ख़ान
20 सितंबर 2008 को 9:14 am बजे
बहुत खूब.
"करें चारागिरी अब चल के औरों की तो चैन आए
किसी सूरत ये अपना दर्द तो अब कम नहीं होता"
20 सितंबर 2008 को 10:44 am बजे
किसी को दुख नहीं होता, कहीं मातम नहीं होता
बिछड़ जाने का इस दुनिया को कोई ग़म नहीं होता
जगह मिलती है हर इक को कहां फूलों के दामन में
हर इक क़तरा मेरी जां कतरा-ए-शबनम नहीं होता
bahut khoooooob....
dil ko chu gai hai
20 सितंबर 2008 को 11:08 am बजे
"darwaje par khadi khadi
sajani kare vichar
sawan kaise gujrega
jo nahi aaye bhartar"
itani adhik gahrai hai kee neeche utarane se ghabra gya dar tha doob jaane ka.purane ghav kured dale
kisi ne
govind goyal sriganganagar[rajasthan]
20 सितंबर 2008 को 11:28 am बजे
किसी को दुख नहीं होता, कहीं मातम नहीं होता
बिछड़ जाने का इस दुनिया को कोई ग़म नहीं होता
जगह मिलती है हर इक को कहां फूलों के दामन में
हर इक क़तरा मेरी जां कतरा-ए-शबनम नहीं होता
हम इस सुनसान रस्ते में अकेले वो मुसाफ़िर हैं
हमारा अपना साया भी जहां हमदम नहीं होता
बहुत ही संजीदा और दिल को छू लेने वाली ग़ज़ल है...
20 सितंबर 2008 को 3:17 pm बजे
masooom se khayalon ki akkasi karti masooom ghazal ke takhliqqaar ko mubarakbaad
allah kalam mai aur zor paida kare
20 सितंबर 2008 को 3:18 pm बजे
apne doston ki mahfil main shamil karne ke liye shukriya, ummeeed hai aapke meyaar poora kar sakoon
20 सितंबर 2008 को 5:23 pm बजे
किसी को दुख नहीं होता, कहीं मातम नहीं होता
बिछड़ जाने का इस दुनिया को कोई ग़म नहीं होता
--वाह!! क्या बात है, उम्दा!!
21 सितंबर 2008 को 2:01 am बजे
bahut achcha kahti hain aap
25 सितंबर 2008 को 3:27 pm बजे
आप गज़ब का लिखतीं हैं !