3 दिसम्बर 2018

वो तारीख़ 3 दिसम्बर 2018 थी... ये एक बेहद ख़ूबसूरत दिन था. जाड़ो के मौसम के बावजूद धूप में गरमाहट थी... फ़िज़ा गुलाबों के फूलों से महक रही थी...
ये वही दिन था जब उन्होंने एक कोरे काग़ज़ पर एक नाम लिखा था... वो नाम जो उनके दिल की गहराइयों में उतर चुका था... उनकी रूह में बस चुका था...


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