बारिश...

मेरे महबूब !
ये बारिश का मौसम
ये मिट्टी की सौंधी महक
ये रिमझिम बूंदों का रक़्स
ये बौछारें, ये फुहारें
ये बारिश में भीगना
कितना अच्छा लगता है...
मानो
हिज्र का मौसम बीत गया है...
-फ़िरदौस ख़ान

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