ज़िन्दगी कैसे जियें
हम चाहते हैं कि हम ऐसी ज़िन्दगी जियें कि हमारी मौत के बाद कोई ये न कह सके कि हमने जानबूझ कर उसे तकलीफ़ पहुंचाई थी या उसका दिल दुखाया था... हालांकि अनजाने में इंसान से ऐसी न जाने कितनी ग़लतियां हो जाती होंगी, जिससे दूसरों को दुख पहुंचता होगा...
दरअसल, हमारी मौत के बाद लोग हमें किस तरह याद रखेंगे... अगर हम ये सोच कर अपनी ज़िन्दगी गुज़ारें, तो शायद बेहतर ज़िन्दगी जी सकते हैं...
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