लुत्फ़ जब भी किसी मंज़र का उठाया हमने...
लुत्फ़ जब भी किसी मंज़र का उठाया हमने
दिल को बेचैन-सा वीरान सा पाया हमने
आज फिर याद किया धूप में जलकर उसको
आज फिर छत पे वही ख़्वाब बुलाया हमने
हादसा आज अचानक वही फिर याद आया
कितनी मुश्किल से जिसे दिल से भुलाया हमने
नर्म झोंके की तरह दिल को जो छूकर गुज़रा
ग़म उसी शख्स का ताउम्र उठाया हमने
जिसको ठुकरा दिया 'फ़िरदौस' जहां ने, उसको
अपने गीतों में सदा ख़ूब सजाया हमने
-फ़िरदौस ख़ान
दिल को बेचैन-सा वीरान सा पाया हमने
आज फिर याद किया धूप में जलकर उसको
आज फिर छत पे वही ख़्वाब बुलाया हमने
हादसा आज अचानक वही फिर याद आया
कितनी मुश्किल से जिसे दिल से भुलाया हमने
नर्म झोंके की तरह दिल को जो छूकर गुज़रा
ग़म उसी शख्स का ताउम्र उठाया हमने
जिसको ठुकरा दिया 'फ़िरदौस' जहां ने, उसको
अपने गीतों में सदा ख़ूब सजाया हमने
-फ़िरदौस ख़ान
20 अगस्त 2008 को 4:29 pm बजे
bhut hi sundar rachana. jari rhe.
22 अगस्त 2008 को 11:25 am बजे
हादसा आज अचानक वही फिर याद आया
कितनी मुश्किल से जिसे दिल से भुलाया हमने
नर्म झोंके की तरह दिल को जो छूकर गुज़रा
ग़म उसी शख्स का ताउम्र उठाया हमने
दिलकश और बेहतरीन ग़ज़ल है...