हमारा जन्मदिन


कल यानी 1 जून को हमारा जन्मदिन है. अम्मी बहुत याद आती हैं. वे सबसे पहले हमें मुबारकबाद दिया करती थीं. वे बहुत सी दुआएं देती थीं. उनकी दुआएं हमारे लिए किसी घने दरख़्त के साये की मानिन्द हैं.  

अम्मी के बाद भाइयों और बहन की जानिब से मुबारकबाद मिला करती थी. पापा तो हमें बहुत पहले ही छोड़कर इस दुनिया से चले गए थे. फिर अम्मी भी चली गईं. अब तो सिर्फ़ उनकी यादें ही बाक़ी हैं. हमने अम्मी और पापा के दिये तोहफ़े बहुत संभाल कर रखे हैं. अम्मी-पापा की एक-एक चीज़ हमने बहुत ही संजोकर रखी है. हर चीज़ से उनकी यादें वाबस्ता हैं. 

छोटे भाई और बहन अब पापा और अम्मी की तरह ख़्याल रखते हैं. उनका कहना है कि छोटे भाई भी अपनी बहनों के लिए वालिद की तरह मुहब्बत और शफ़कत वाले होते हैं. हमारी परी यानी भतीजी भी हमसे बहुत प्यार करती है. अल्लाह इन सबको हमेशा ख़ुश और सलामत रखे. यही तो हमारी दुनिया है.   
-फ़िरदौस ख़ान

तस्वीर गूगल से साभार     
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