दो रिश्ते
दुनिया में दो रिश्ते ऐसे हैं, जिनमें ख़ुद को क़ुर्बान कर देने में ही ख़ुशी मिला करती है. पहला मां का रिश्ता. मां अपनी औलाद के लिए हर दर्द ख़ुशी-ख़ुशी सह जाती है. दूसरा रिश्ता इश्क़ का है. इंसान अपने महबूब के लिए ख़ुद को फ़ना कर देता है. ख़ुद को मिटा देने में ही उसे सुकून मिलता है.
फ़िरदौस ख़ान
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