तुम्हारे नाम की चूड़ियां


मेरे महबूब !
तुम
हमेशा सलामत रहो...
मेरी कलाइयों में
तुम्हारे नाम की
हरे कांच की चूड़ियां
हमेशा खनकती रहें...
हथेलियों पर
तुम्हारे नाम की मेहंदी
रचती रहे...
और
बालों में
बेला के गजरे
तुम्हारे लम्स से
महकते रहें...
-फ़िरदौस ख़ान
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