इमरोज़
हिन्दुस्तान का एक मशहूर शायर लड़की से कहता है-
तुम इतना अच्छा लिखती हो. अमृता प्रीतम की तरह मशहूर हो सकती हो. बस तुम्हें एक साहिर की ज़रूरत है.
लड़की सोचती है कि ये ख़ुद साहिर बनने की कोशिश कर रहा है. वह जवाब देती है-
मुझे साहिर नहीं, इमरोज़ चाहिए... क्योंकि साहिर ने अमृता को भटकाव के सिवा कुछ नहीं दिया, जबकि इमरोज़ ने उसे ठहराव दिया...
मैं भटकना नहीं चाहती...
लेकिन लड़की ये नहीं जानती थी कि इमरोज़ क़िस्मत से मिला करते हैं...
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