लम्बे बाल...
फ़िरदौस ख़ान
बचपन की कुछ बातें ऐसी हुआ करती हैं, जिन्हें हम कभी भुला नहीं पाते... हमारी बड़ी ख़ाला अपने परिवार के साथ हमारे घर रहने आईं... उनकी बड़ी बेटी शबनम हमसे क़रीब पांच साल बड़ी थी... उस वक़्त हमारी उम्र पांच-छह साल रही होगी... उसे हमारे बालों से बहुत चिढ़ थी... पापा हमारे बेबी कट बाल कटवाते थे... हमारे बाल घने थे, लेकिन शब्बो आपा के बाल बहुत हल्के थे...
एक रोज़ हमारे ख़ालू साहब ने कहा कि बच्चों को गंजा कराते रहना चाहिए... उन्होंने नाई को बुलवा लिया... हमारे छोटे भाई और अपनी छोटी बेटी को गंजा करा दिया, फिर हमारे बाल उतरवा दिए... जब शब्बो आपा की बारी आई, तो वो कहने लगीं कि अब तुम सब गंजे हो गए हो और अब सिर्फ़ मेरे ही सिर पर बाल हैं... अब हमेशा मेरे बाल फ़िरदौस के बालों से बड़े रहेंगे... ख़ालू साहब भी ठहाके लगा-लगाकर हंसने लगे... ये सब उनकी एक साज़िश थी, अपनी बेटी शबनम को ख़ुश करने की... उस वक़्त हमें बहुत ग़ुस्सा आया... उस दिन हम बहुत रोये, अम्मी ने समझाया कि कुछ ही दिनों में बाल आ जाएंगे...
ख़ाला कुछ दिन रहकर चली गईं... इस बात को बहुत साल गुज़र गए... शब्बो आपा की शादी का बुलावा देने के लिए ख़ाला हमारे घर आईं... जाड़ो का मौसम था... हम धूप में पलंग पर बैठे मटर छील रहे थे... हमारे बाल पलंग से नीचे लटक रहे थे... ख़ाला की नज़र पड़ी, तो कहने लगीं- माशा अल्लाह ! फ़िरदौस के बाल बहुत लंबे और घने हैं... हमारी शब्बो के बाल बहुत हल्के हैं. सब तरह के साबुन और तेल लगा लिए, लेकिन बाल कभी बालिश्त भर से ज़्यादा लंबे नहीं हुए... उनकी बात सुनकर हमें बचपन का वो वाक़िया याद आ गया, जब शब्बो की वजह से ख़ालू साहब ने हमारे बाल उतरवा दिए गए थे...
ख़ुदा ने इंसान के हिस्से में जो लिखा होता है, उसे वो मिलता ही है, भले ही कोई उससे कितना ही छीनने की कोशिश करे... और जो उसके हिस्से में नहीं होता, वो उसे कभी नहीं मिलता, उसे पाने के लिए वो कितनी ही जद्दो-जहद क्यों न कर ले... कुछ चीज़ें ’गॊड गिफ़्टिड’ हुआ करती हैं, जैसे लंबे बाल...
स्कूल, कॊलेज, दफ़्तर और रिश्तेदारी में सभी लड़कियां हमारे बालों की बहुत तारीफ़ करती रही हैं... कुछ औरतों से सुना है कि जिन लड़कियों के बाल लंबे होते हैं, वो कभी ख़ुश नहीं रहतीं...
(ज़िन्दगी की किताब का एक वर्क़)
20 अगस्त 2015 को 8:38 am बजे
खूबसूरत वाकया..