मुहब्बत के फूल...
मेरे महबूब !
उम्र की रहगुज़र में
हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल...
अहसास की शिद्दत से दहकते
जैसे सुर्ख़ गुलाब के फूल...
उम्र की तपती दोपहरी में
घनी ठंडी छांव से
जैसे पीले अमलतास के फूल...
आंखों में इन्द्रधनुषी सपने संजोये
गोरी हथेलियों पर सजे
जैसे ख़ुशरंग मेहंदी के फूल...
दूधिया चांदनी रात में
ख़्वाहिशों के बिस्तर पर बिछे
जैसे महकते बेला के फूल...
मेरे महबूब
मुझे हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल...
-फ़िरदौस ख़ान
10 जनवरी 2011 को 10:33 pm बजे
सभी फूल बहुत प्यारे हैं .:)
11 जनवरी 2011 को 6:17 am बजे
फ़िरदौस ख़ान जी
नमस्कार !
मेरे महबूब
मुझे हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल...
मुबारकबाद !
नज़्म की ख़ुशगुफ़्तारी काबिले-ता'रीफ़ है …
~*~हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
11 जनवरी 2011 को 8:44 am बजे
वाह ! कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं ... मन मोह लिया इस चित्र ने तो !
11 जनवरी 2011 को 11:16 am बजे
बहुत ही सुन्दर शब्द ...।
11 जनवरी 2011 को 12:35 pm बजे
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
11 जनवरी 2011 को 5:16 pm बजे
उम्र की तपती दोपहरी में
घनी ठंडी छांव से
जैसे पीले अमलतास के फूल...
kuch un phulon se dahakte shabd aur bhaw, bahut sundar
11 जनवरी 2011 को 7:42 pm बजे
मेरे महबूब
मुझे हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल...
सुन्दर भाव .. एहसास मुखर हो तो फूल मिलते ही हैं
11 जनवरी 2011 को 7:43 pm बजे
फूलों के इतने रंग और ऐसी खुशबू...
आपके फ़न का बेहतरीन कमाल है.
11 जनवरी 2011 को 8:48 pm बजे
सुन्दर पंक्तियाँ।
12 जनवरी 2011 को 12:34 am बजे
बहुत बढ़िया, सुन्दर...
12 जनवरी 2011 को 7:48 am बजे
इन फूलों की भीनी भीने खुशबू रूह तक को भिगो रही है ...
खूबसूरत एहसास !
13 जनवरी 2011 को 1:23 pm बजे
मन की कोमल भावनाओं को जगाती बेहतरीन प्रस्तुति !
13 जनवरी 2011 को 10:16 pm बजे
मेरे महबूब...
उम्र की रहगुज़र में
हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल...
अहसास की शिद्दत से दहकते
जैसे सुर्ख़ गुलाब के फूल...
एक-एक लफ़्ज़ दिल में उतर गय फ़िरदौस.......
14 जनवरी 2011 को 5:38 pm बजे
बेहद खूबसूरत और पाकीज़ा
17 जनवरी 2011 को 7:47 pm बजे
मेरे महबूब
मुझे हर क़दम पर मिले
तुम्हारी मुहब्बत के फूल..
फूलों की खुशबू ने अंतर्मन को भिगो दिया..बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति.
18 जनवरी 2011 को 6:56 pm बजे
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति.