चले आओ...



मेरे महबबू !
तुम चले आओ
इससे पहले
कि सांस रुकने लगे
दिल की धड़कन
ठहरने लगे
पलकें बोझल होने लगें
आंखों के आगे
अंधेरा-सा छाने लगे
रगों में बहता ख़ून
जमने लगे
और
जिस्म सर्द पड़ने लगे

मेरे हमनशीं
बस एक बार
तुम चले आओ...
-फ़िरदौस ख़ान

तस्वीर : गूगल से साभार
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