इस्तख़ारा...
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
बाज़ दफ़ा ऐसा होता है कि हमारे पास सवाल कई होते हैं, लेकिन जवाब एक भी नहीं... ऐसा भी होता है कि किसी एक सवाल के कई जवाब होते हैं, लेकिन हम समझ नहीं पाते कि हम क्या करें... ? ऐसे में इस्तिख़ारा रहनुमाई करता है... आप अपने मसलों से मुताल्लिक़ सवालों के जवाब के लिए इस्तिख़ारे का सहारा ले सकते हैं...
काफ़ी अरसे पहले हमने इस्तिख़ारा करना सीखा था... इस्तिख़ारा करने के कई तरीक़े हैं... लेकिन जो लोग इस्तिख़ारा करना नहीं जानते, उनके लिए मसला पैदा हो जाता है... अच्छी बात यह है कि कई वेबसाइट्स ऐसी हैं, जो इस्तिख़ारे की मुफ़्त सहूलियत मुहैया करा रही हैं... लेकिन उनके बारे में ज़्यादा लोगों को जानकारी नहीं है...
हम चाहते हैं कि ऐसी जानकारी लोगों तक पहुंचाएं, जिनसे उनका कुछ भला हो सके... इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए यह पोस्ट लिख रहे हैं...
आपसे ग़ुज़ारिश है कि इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाएं...
जज़ाक अल्लाह...
इस्तिख़ारा
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