घर की दीवारें चमचमाती...
आज हम चाहते हैं कि घर की दीवारें चमचमाती रहें, उन पर ज़रा-सा भी कोई दाग़-धब्बा तक न लगे... अगर कोई बच्चा दीवार पर पेंसिल से आड़ी-तिरछी लकीरें खींच दे, तो बुरा लगता है... लेकिन हम अपने बचपन के दिन भूल जाया करते हैं, जब चाक और पेंसिल से घर की दीवारों पर कितनी ही आड़ी-तिरछी लकीरें खींचकर घर, पहाड़, नदियां, पेड़, बेल-बूटे और न जाने क्या-क्या बनाया करते थे...
आज अपने पसंदीदा पेंटर ईमान मलेकी की पेंटिंग्स देखकर बचपन याद आ गया... सच ! बचपन कितना प्यारा हुआ करता है...
Painting by Iman Maleki
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