Firdaus Diary

मैं लफ्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी हूं... Main Lafzon Ke Jazeere Ki Shahzadi Hoon...میں لفظوں کے جزیرے کی شہزادی ہوں

सोमवार, दिसंबर 01, 2025

आज पहली दिसम्बर है...

›
डॉ. फ़िरदौस ख़ान आज पहली दिसम्बर है... दिसम्बर का महीना हमें बहुत पसंद है... क्योंकि इसी माह में क्रिसमस आता है... जिसका हमें सालभर बेसब्र...
1 टिप्पणी:
सोमवार, अक्टूबर 20, 2025

मिट्टी के दिये

›
बचपन से ही दिवाली का त्यौहार मन को बहुत भाता है. दादी जान दिवाली की रात में मिट्टी के दीये जलाया करती थीं. घर का कोई कोना ऐसा नहीं होता थ...
शनिवार, अक्टूबर 11, 2025

इश्क़ वो आग है, जो महबूब के सिवा सब कुछ जला डालती है...

›
अल इश्क़ो नारून, युहर्री को मा सवीयिल महबूब... यानी इश्क़ वो आग है, जो महबूब के सिवा सब कुछ जला डालती है... इश्क़ वो आग है, जिससे...
33 टिप्‍पणियां:

नजूमी...

›
कुछ अरसे पहले की बात है... हमें एक नजूमी मिला,  जिसकी बातों में सहर था... उसके बात करने का अंदाज़ बहुत दिलकश था... कुछ ऐसा कि कोई परेशान ...
1 टिप्पणी:

इक राह तो वो होगी, तुम तक जो पहुंचती है...

›
मेरे महबूब ! मुझे हर उस शय से मुहब्बत है, जो तुम से वाबस्ता है. हमेशा से मुझे सफ़ेद रंग अच्छा लगता है. बाद में जाना कि ऐसा क्यों था. त...
6 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, अक्टूबर 10, 2025

डॉ. फ़िरदौस ख़ान का परिचय

›
डॉ. फ़िरदौस ख़ान  एक इस्लामी विद्वान, शायरा, कहानीकार, निबंधकार, पत्रकार, सम्पादक और अनुवादक हैं। उन्हें फ़िरदौस ख़ान को लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़...
सोमवार, अक्टूबर 06, 2025

पूरे चांद की रात

›
आज पूरे चांद की रात है... हमेशा की तरह ख़ूबसूरत... इठलाती हुई... अंगनाई में खिले सफ़ेद फूल अपनी भीनी-भीनी महक से माहौल को और रूमानी बना र...
सोमवार, सितंबर 15, 2025

शुक्रिया एबीपी न्यूज़...

›
Firdaus Diary ... दरअसल हमारी डायरी है. इसमें हमारे गीत हैं,  ग़ज़लें हैं, नज़्में हैं, उन किताबों का ज़िक्र है, जो हमने पढ़ी हैं. इसमें मु...
4 टिप्‍पणियां:
शनिवार, अगस्त 30, 2025

अच्छा इंसान

›
अच्छा इंसान बनना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, अपने लिए भी और दूसरों के लिए भी. एक अच्छा इंसान ही दुनिया को रहने लायक़ बनाता है. अच्छे इंसानों की वजह...
सोमवार, अगस्त 25, 2025

तू मेरे गोकुल का कान्हा, मैं हूं तेरी राधा रानी...

›
जब किसी से इश्क़ हो जाता है, तो हो जाता है. इसमें लाज़िम है महबूब का होना (क़रीब) या न होना, क्योंकि इश्क़ तो 'उससे' हुआ है, उ...
24 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

...

मेरी फ़ोटो
फ़िरदौस ख़ान
शायरा, लेखिका और पत्रकार. लोग लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी कहते हैं. उर्दू, हिन्दी, इंग्लिश और पंजाबी में लेखन. दूरदर्शन केन्द्र और देश के प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों में कई साल तक सेवाएं दीं. अनेक साप्ताहिक समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं का सम्पादन किया. ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन केन्द्र से समय-समय पर कार्यक्रमों का प्रसारण. ऑल इंडिया रेडियो और न्यूज़ चैनल के लिए एंकरिंग भी की है. देश-विदेश के विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और समाचार व फीचर्स एजेंसी के लिए लेखन. फ़हम अल क़ुरआन लिखा. सूफ़ीवाद पर 'गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत' नामक एक किताब प्रकाशित. इसके अलावा डिस्कवरी चैनल सहित अन्य टेलीविज़न चैनलों के लिए स्क्रिप्ट लेखन. उत्कृष्ट पत्रकारिता, कुशल संपादन और लेखन के लिए अनेक पुरस्कारों ने सम्मानित. इसके अलावा कवि सम्मेलनों और मुशायरों में भी शिरकत की. कई बरसों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की तालीम ली. फ़िलहाल 'स्टार न्यूज़ एजेंसी' और 'स्टार वेब मीडिया' में समूह संपादक हैं. अपने बारे में एक शेअर पेश है- नफ़रत, जलन, अदावत दिल में नहीं है मेरे अख़लाक़ के सांचे में अल्लाह ने ढाला है…
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.