बुधवार, मार्च 10, 2010

मेरा महबूब

नाम : बहारों का मौसम
तअरुफ़ : मेरा महबूब
ज़बान : शहद से शीरी
लहजा : झड़ते फूल
पता : फूलों की वादियां

4 टिप्‍पणियां:

  1. क्या ख़ूब कहा है...
    तअरुफ़ : मेरा महबूब

    मोहतरमा बेनज़ीर हैं, लाजवाब हैं...
    आपकी तारीफ़ के लिए अल्फ़ाज़ की कमी हम शिद्दत से महसूस कर रहे हैं...

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  2. गुलज़ार और जावेद अख्तर सी ज़बान माशा-अल्लाह!!

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