मैं लफ्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी हूं... Main Lafzon Ke Jazeere Ki Shahzadi Hoon...میں لفظوں کے جزیرے کی شہزادی ہوں
वक्त ऐसे ही गुजर जाता है कब कैसे पता भी नही चलताबस खाली पन्ने हाथे मे रह जाते हैं बेनूर सेबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
उम्र के क़ाग़ज़ पर...इश्क़ की नज़्म...वक़्त का मौसम दर मौसम ज़िन्दगी की तरह गुज़रना...वाह...बहुत ख़ूब....मुबारकबाद...लेकिन ये अल्फ़ाज़ कुछ कम नहीं है?
चंद लाइनों में कह दी पूरी किताब की बातें. बहुत सुन्दर भाव और शब्द.
behad khoobsoorat nazm !अच्छी रचना!!!!!!!!!!!!! क्या अंदाज़ है बहुत खूब रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकानाएं !समय हो तो अवश्य पढ़ें यानी जब तक जियेंगे यहीं रहेंगे !http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_23.html
बहुत रोचक और सुन्दर अंदाज में लिखी गई रचना .....आभार
रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें! बहुत बढ़िया लिखा है आपने! शानदार पोस्ट!
so good...
Wahadabhut
Very Short But Very Deep
बहुत खूब ...इश्क की नज़्म भी होती है तभी पूरी जब उम्र का कागज हो जाता है खत्म ..
वक्त ऐसे ही गुजर जाता है
जवाब देंहटाएंकब कैसे पता भी नही चलता
बस खाली पन्ने हाथे मे
रह जाते हैं बेनूर से
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
उम्र के क़ाग़ज़ पर...
जवाब देंहटाएंइश्क़ की नज़्म...
वक़्त का
मौसम दर मौसम
ज़िन्दगी की तरह गुज़रना...
वाह...बहुत ख़ूब....मुबारकबाद...
लेकिन
ये अल्फ़ाज़ कुछ कम नहीं है?
चंद लाइनों में कह दी पूरी किताब की बातें. बहुत सुन्दर भाव और शब्द.
जवाब देंहटाएंbehad khoobsoorat nazm !
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना!!!!!!!!!!!!! क्या अंदाज़ है बहुत खूब
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकानाएं !
समय हो तो अवश्य पढ़ें यानी जब तक जियेंगे यहीं रहेंगे !
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_23.html
बहुत रोचक और सुन्दर अंदाज में लिखी गई रचना .....आभार
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने! शानदार पोस्ट!
so good...
जवाब देंहटाएंWah
जवाब देंहटाएंadabhut
Very Short But Very Deep
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंइश्क की नज़्म भी
होती है तभी पूरी
जब उम्र का कागज
हो जाता है खत्म ..